ज्योतिष विद्या विशारद ज्योतिष का एक ऐसा वैज्ञानिक पाठ्यक्रम है . जिसका अध्यन करके आप एक पारंगत ज्योतिषी के अनुरूप किसी कुंडली का फलादेश शाश्त्रीय विधि से करके धन तथा यश प्राप्त कर सकते है .
इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत आपको फलित ज्योतिष से सम्बंधित सूत्रों की व्याख्य मानक तथ्यों के द्वारा पढाया जाता है –
प्रथम पाठ – ज्योतिष क्या है? ज्योतिष की उत्पत्ति एवं महत्व, ज्योतिष की उपयोगिता, ज्योतिष के भेद व् आकाश- परिचय, ग्रह परिचय, राहू एवं केतु क्या है? सौर जगत के समंबन्ध में कुछ मूल तथ्य, नक्षत्र एवं राशि परिचय, तिथि पक्ष वार, योग, पंचांग परिचय, जन्म कुंडली क्या है? जन्म कुंडली का महत्व, जन्म कुंडली के प्रकार, जन्म राशि जानना, राशियों का परिचय, जन्म कुंडली बनाने की विधि, जन्म पत्रिका के रूप, चन्द्र कुंडली बनाना एवं उसका महत्व, भाव परिचय, कुंडली के १२ भावो के कारक ग्रह, कौन ग्रह किसका अधिष्ठाता है? वस्तुवो के स्थिर कारक ग्रह, ग्रहों का शारीर के आंतरिक एवं बाह्य अंगो पर आधिपत्य , राशियों का अंग विभाग, ग्रहों के पारस्परिक बल, ग्रहों का राशि स्वामित्वफ |
ग्रहों का उच्च निचादी ज्ञान चक्र, ग्रहों का अस्त होना, ग्रहों की अवस्था, प्रभाव दिखाने का समय, ग्रहों की तत्व तथा सम्बंधित रोग, ग्रहों के बल, ग्रह मैत्री, शुभ एवं अशुभ ग्रह, वक्री ग्रह, ग्रहों की दृष्टि, ग्रहों के गुड़ स्वाभाव, ग्रहों की दिशाये, ऋतुये तथा रंग, ग्रहों का दोष अपहरण, ग्रहों की दश अवस्थाये और उनके फल |
द्रितीय पाठ – ग्रहों का मेष से मीन राशि पर्यंत अलग – अलग फल | प्रत्येक ग्रहों का बारह भावो में स्थित होने का अलग – अलग फल | जन्म नक्षत्र फल (२७ नक्षत्रो का फल) जन्म राशि एवं जन्म लग्न का फल, उच्च राशिगत, मूल त्रिकोण राशिगत, स्वक्षेत्रगत, मित्र क्षेत्रगत, शत्रु क्षेत्रगत, नीच राशिगत, ग्रहों का फल, भावेश विषयक नियम, ग्रह की विशेष स्थिति के अनुसार भाव फल, भावेशो का विभिन्न भावो में स्थिति होने का फल |
तृतीय पाठ – जन्म कुंडली से भविष्य जानना, फलित दृष्टिकोड से मेष लग्नादि बारह लग्नो की कुंडलियो का अलग – अलग विस्तृत फलादेश का अध्ययन |
चतुर्थ पाठ – कुंडली फल कथन के मौलिक सिद्धांत, स्त्री कुंडली फल कथन, महादशा एवं अन्तर्दशा चक्र, ग्रहों की महादशाओ में अंतर्दाशाओ का फल, भविष्य फल जानने की विधि, मार्गदर्शक ग्रंथो की सूचि, विशेष परिशिष्ट |
प्राप्त उपाधि – ज्योतिष विद्या विशारद अध्ययन काल – ४ महिना
शुल्क – 5400/- रु. मात्र |
शैक्षणिक योग्यता – इंटरमीडिएट स्तर तक | विशेष –यह पाठ्यक्रम हिंदी एवं गुजराती भाषा में उपलब्ध है |
१. पाठ्यक्रम के सम्बन्ध में – संस्था द्वारा ज्योतिष के विभिन्न विभागों के शिक्षा का कार्यक्रम संचालित किया जाता है| जो शास्त्रों द्वारा अनुमोदित होते है| इसका अध्य्यापन पत्राचार/नियमित/online classes कक्षाओं के माध्यम से छात्रों को इस प्रकार से कराया जाता है कि उन्हें सरलता पूर्वक सम्बंधित विषय का ज्ञान घर बैठे प्राप्त हो सके| पाठ्यक्रम को समझने व अध्ययन में किसी भी आने वाली अडचनों को संस्था में कार्यरत विशेषज्ञ पत्र, फोन अथवा इन्टरनेट द्वारा तुरंत समाधान कर देते है | (यह सेवा निर्धारित नियम के अंतर्गत निः शुल्क होती है|) संस्था में शास्त्रीय स्तर/आचार्य स्तर तथा ज्योतिष में अनुसन्धान की शिक्षा एवं उपाधि की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है |
२. पाठ्य–सामग्री – प्रत्येक विद्यार्थी को सभी आवश्यक पाठ्य सामग्री सीधे संस्था अथवा उसके उपकेन्द्र द्वारा दी जाएगी | इसके साथ आपको ज्योतिष पाठ्यक्रम में पंचांग, वास्तु पाठ्यक्रम में दिशा – सूचक यंत्र, हस्त रेखाशास्त्र पाठ्यक्रम में मैग्नीफाईंग ग्लास, तंत्र पाठ्यक्रम में लाल चन्दन का माला आदि निःशुल्क दिया जायेगा |
३. शुल्क भेजने का नियम – संस्था द्वारा संचालित प्रत्येक पाठ्यक्रम के अंत में उसका पूर्ण शुल्क लिख दिया गया है |
जिसे निम्नलिखित साधनों से आप अपनी सुविधा अनुसार संस्थान को भेज सकते है –
१- भारतीय वैदिक ज्योतिष संस्थानं के upi no 9335480453 पर भेजा जा सकता है.
१. भारतीय वैदिक ज्योतिष संस्थानम के नाम ड्राफ्ट जो वाराणसी में देय हो |
२. भारतीय वैदिक ज्योतिष संस्थानम के निम्नलिखित बैंक अकाउंट में शुल्क जमा किया जा सकता है –
अपने नजदीकी state bank of india में खाता नं. 55042871969 in the name of BHARTIYA VAIDIC JYOTISH SASNTHANAM PAYABEL AT VARANASI शुल्क जमा किया जा सकता है |
अपने नजदीकी ICICI BANK बैंक शाखा में खाता नं. 628305018138 in the name of BHARTIYA VAIDIC JYOTISH SASNTHANAM PAYABEL AT VARANASI, BRANCH NAME GODOWLIA शुल्क जमा किया जा सकता है |
३. भारतीय वैदिक ज्योतिष संस्थानम (Bhartiya Vaidic Jyotish Sansthanam) के नाम चेक जो वाराणसी में देय हो (चेक द्वारा शुल्क भेजने पर ५० रु.क्लियरिंग चार्ज अलग से देना होगा |)
६. नकद शुल्क संस्थान में आकर भी जमा किया जा सकता है |
शुल्क तथा आवेदन पत्र प्राप्त होने के बाद संस्था द्वारा सभी पाठ्यक्रम सामग्री छात्रों को रजिस्टर्ड डाक या कुरियर द्वारा भेज दी जाती है | पाठ्यक्रम में वर्णित शुल्क के अतिरिक्त किसी प्रकार का कोई अन्य शुल्क नही लिया जाता है |
७-संसथान के ASTRO GANGE APPLICATION से भी किसी भी पाठ्यक्रम मे प्रवेश प्राप्त किया जा सकता हैl
किसी सी प्रकार का भी शुल्क भारतीय वैदिक ज्योतिष संस्थानम वाराणसी के नाम ही स्वीकृत किया जायेगा |
४. भारत से बाहर के छात्रों के लिए – विदेशी छात्रों को डाक खर्च शुल्क अतिरिक्त देना होगा | पाठ्यक्रमों के शुल्क सम्बन्धी विशेष जानकारी संस्था से संपर्क करके प्राप्त किया जा सकता है |
५. प्रवेश सम्बन्धी नियम- संस्था द्वारा संचालित किसी भी पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त करने के लिए संस्था द्वारा उपलब्ध आवेदन पत्र को भरकर पाठ्यक्रम से सम्बंधित शुल्क के साथ रजि.डाक, कोरियर द्वारा या व्यक्तिगत रूप से जमा करने पर सम्बंधित पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त हो जाता है |
6- शिक्षण विधि
भारतीय वैदिक ज्योतिष संस्थानम कि ओर दो प्रकार से शिक्षा प्रदान किया जाता है..
प्रथम विधि- जिसमें संस्थान द्वारा संचालित सभी पाठ्यक्रमों से सम्बंधित पुस्तकें विद्यार्थी को निःशुल्क उपलब्ध करवाया जाता है. उनको किसी भी प्रकार के पुस्तकों कि आवश्यकता नहीं होती है. इस विधि में विद्यार्थी को संस्थान द्वारा उपलब्ध पाठ्य पुस्तकों को पढ़ने के पश्चात् कोई भी प्रश्न/संदेह का निवारण संस्थान में उपलब्ध तत्कालीन विद्वानों द्वारा फ़ोन कॉल के माध्यम से किया जाता है ये सुविधा संस्थान द्वारा निःशुल्क प्रदान कि जाएगी.
द्वितीय विधि- इस विधि में विद्यार्थी को संस्थान द्वारा उपलब्ध पाठ्य पुस्तकों को पढ़ने के पश्चात् कोई भी प्रश्न/संदेह का निवारण संस्थान में उपलब्ध तत्कालीन विद्वानों द्वारा विडियो कॉल (google meet/zoom meeting) के माध्यम से किया जाता है ये सुविधा संस्थान द्वारा सशुल्क प्रदान किया जाता है.
७- परीक्षा विधि- प्रत्येक पाठ्यक्रम के अध्ययनकाल के समाप्ति के बाद संस्था द्वारा पाठ्यक्रम से सम्बंधित प्रश्न पत्र आपको भेजा जायेगा| जिसका उत्तर घर बैठे आप स्वयं लिखेगें | प्रश्न पत्र प्राप्ति के दिनांक से एक माह के अन्दर संस्था को रजिस्टर्ड डाक/कूरियर द्वारा प्रश्न पत्र का उत्तर भेजना होता है | आपके उत्तर पत्र का मूल्यांकन एवं निरिक्षण करने का आधार आपकी विषयगत मौलिकता एवं विषय को स्पष्ट करने की शैली होती है| उत्तर पत्र प्राप्त होने के एक माह के अन्दर आपको तत सम्बंधित प्रमाण पत्र भेजकर सम्मानित किया जाता है | उच्चतम अंक प्राप्त करने वालों को संस्था द्वारा गोल्ड मैडल से सम्मानित किया जाता है| उत्तर पत्र के प्रत्येक पृष्ठ पर आपका हस्ताक्षर आवश्यक है | यह नियम पत्राचार पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों पर लागू होगा |
प्रथम श्रेणी -प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण छात्र को अंक पत्र में ए श्रेणी प्राप्त होगा
द्रितीय श्रेणी - द्रितीय श्रेणी में उत्तीर्ण छात्र को बी श्रेणी प्राप्त होगा |
असफल छात्र – असफल छात्र को पुनः परीक्षा देना होगा | जिसके लिए परीक्षा शुल्क संस्थान में जमा करना होगा | विद्यार्थी को उसके विषयगत कमजोरी को दूर करने के लिए संस्थान के शिक्षक निःशुल्क प्रशिक्षण देंगे |
८.पाठ्यक्रम से सम्बंधित शुल्क – संस्थान के प्रत्येक पाठ्यक्रम के अंत में पाठ्यक्रम का शिक्षण शुल्क लिखा हुआ है | जिसमे पंजीकरण शुल्क, प्रवेश शुल्क, वार्षिक पत्रिका शुल्क, परीक्षा शुल्क तथा दीक्षांत समारोह शुल्क आदि अनिवार्य शुल्क जुड़ा हुआ है |
९. आवश्यक वैधानिक नियम – १. किसी भी विवाद का न्यायक्षेत्र वाराणसी (उ०प्र०) होगा |
२. पाठ्यक्रम भेज देने के बाद पाठ्यक्रम का शुल्क वापस नही किया जाता है |
३. संस्थान से कोई भी सूचना प्राप्त करने के लिए डाक टिकट लगा लिफाफा भेजना होगा | व्यक्तिगत अथवा फोन से संपर्क करने का समय सायं ३ से ५ बजे तक है | गुरुवार को अवकाश रहता है l
नोट – संस्था के नाम पर किसी प्रकार का असंवैधानि कार्य दंडनीय अपराध माना जायेगा |
विशेष ध्यातव्य – संस्थान के खाते में जमा धनराशि का ही संस्थान उत्तरदायी होगा |
किसी प्रकार के संवैधानिक विवाद के निर्णय का अधिकार वाराणसी न्यायलय के आधीन होगा |
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